या देवी सर्वभूतेषू दयारूपेण संस्तत,
नमस्तस्यै नमस्तयै नमस्तयै, नमस्तस्यै नमो नमः ।।
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं मैं ।।
जग मैं आकर जग को मैया, अब तक न मैं जान सका
क्यों आया हूँ कहाँ है जाना, अब तक न पहचान सका
तुम हो अगम अगोचर मैया, कहो कैसे लख पाऊं मैं ?
कर कृपा जगदम्बे भवानी, मैं बालक नादान हूँ
नहीं आराधन जप तप जानूं, मैं अवगुण की खान हूँ
दे ऐसा वरदान हे मैया, निशदिन तुम गुण गाऊं मैं
Monday, May 31, 2010
देवता ने आज
किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिया
दुनियां की खबर ना रही, तन को भुला दिया
रहता था पास में सदा लेकिन छिपा हुआ
करके दया दयाल ने परदा उठा लिया ।
मेरा.....
सूरज न था न चांद था, बिजली न थी वहां
इकदम वो अजब शान का जलवा दिखा दिया ।
मेरा....
फिरके जो आंख खोल कर ढ़ूंढ़न लगा उसे
गायब था नजर से कोर्इ फिर पास पा लिया ।
मेरा....
करके कसूर माफ मेरे जनम जनम के
"ब्रहमानंद' अपने चरण में मुझको लगा लिया ।
मेरा...
दुनियां की खबर ना रही, तन को भुला दिया
रहता था पास में सदा लेकिन छिपा हुआ
करके दया दयाल ने परदा उठा लिया ।
मेरा.....
सूरज न था न चांद था, बिजली न थी वहां
इकदम वो अजब शान का जलवा दिखा दिया ।
मेरा....
फिरके जो आंख खोल कर ढ़ूंढ़न लगा उसे
गायब था नजर से कोर्इ फिर पास पा लिया ।
मेरा....
करके कसूर माफ मेरे जनम जनम के
"ब्रहमानंद' अपने चरण में मुझको लगा लिया ।
मेरा...
अमृतवाणी
हम नहीं वो हमे जिस नाम से बुलवाया है.
नामवाले बहुत आये-गये गुमनाम हुए,
बच गए वह जिन्हें उस "नाम"ने सहलाया है.
जिस्म का नाम है कुछ, आत्मा है बेनामी ,
सारी दुनिया ने फकत जिस्म को दुलराया है .
देह है वस्त्र जिसे डाल कर हम आये हैं,
सब ने पोशाक को चाहा, हमे ठुकराया है .
नामवाले बहुत आये-गये गुमनाम हुए,
बच गए वह जिन्हें उस "नाम"ने सहलाया है.
जिस्म का नाम है कुछ, आत्मा है बेनामी ,
सारी दुनिया ने फकत जिस्म को दुलराया है .
देह है वस्त्र जिसे डाल कर हम आये हैं,
सब ने पोशाक को चाहा, हमे ठुकराया है .
Wednesday, May 5, 2010
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