या देवी सर्वभूतेषू दयारूपेण संस्तत,
नमस्तस्यै नमस्तयै नमस्तयै, नमस्तस्यै नमो नमः ।।
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं मैं ।।
जग मैं आकर जग को मैया, अब तक न मैं जान सका
क्यों आया हूँ कहाँ है जाना, अब तक न पहचान सका
तुम हो अगम अगोचर मैया, कहो कैसे लख पाऊं मैं ?
कर कृपा जगदम्बे भवानी, मैं बालक नादान हूँ
नहीं आराधन जप तप जानूं, मैं अवगुण की खान हूँ
दे ऐसा वरदान हे मैया, निशदिन तुम गुण गाऊं मैं
Monday, May 31, 2010
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